बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2 भूगोल - सुदूर संवेदन एवं भौगोलिक सूचना प्रणाली के मूल तत्व बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2 भूगोल - सुदूर संवेदन एवं भौगोलिक सूचना प्रणाली के मूल तत्वसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2 भूगोल - सरल प्रश्नोत्तर
अध्याय - 3
विद्युत चुम्बकीय विकिरण
(Electro-Magnetic Radiation)
प्रश्न- सुदूर संवेदन की आधारभूत संकल्पना का वर्णन कीजिए।
अथवा
सुदूर संवेदन की प्रक्रिया में विद्युत चुम्बकीय विकिरण के महत्व का विवेचन कीजिए।
उत्तर -
(Fundamental Concept of Remote Sensing)
सुदूर संवेदन एक ऐसा तकनीकी विज्ञान है जो पृथ्वी के किसी स्थान, वस्तु अथवा घटना के सम्बन्ध में दूर अन्तरिक्ष में स्थित उपग्रह या अन्तरिक्ष यानों पर लगे संवेदकों के द्वारा ग्रहण किये गये धरातलीय परावर्तित प्रकाश के आवेगों को अंकित करता है। सूचना-संग्रह की यह प्रक्रिया विद्युत चुम्बकीय ऊर्जा पर आधारित होती है। धरातल को या उस पर स्थित विभिन्न पदार्थों को यह ऊर्जा सूर्य से प्राप्त होती है। विभिन्न पदार्थ इस ऊर्जा का कुछ भाग अवशोषित करते हैं और कुछ भाग का बिकिरण करते हैं। इसे विद्युत चुम्बकीय विकिरण (EMR-Electromagnetic Radiation) कहते हैं। ब्रह्माण्ड में सूर्य, विद्युत-चुम्बकीय ऊर्जा का स्रोत है।
अतः यह स्पष्ट है कि विभिन्न धरातलीय तथ्य अलग-अलग मात्रा में ऊर्जा का विकिरण करते हैं। यह विकिरण, तरंगों (Waves) के रूप में होता है। विभिन्न धरातलीय तथ्यों से निःसृत विद्युत-संकेतों (Electrical Signals) को संवेदकों द्वारा ग्रहण किया जाता है। संग्रहण का यह तरीका आंकिक (Digital) होता है। संवेदकों से ये (Signals form) भूकेन्द्रों को प्रेषित किये जाते हैं जहाँ उन्हीं संकेतकों के आंकिक प्रतिरूप का छाया प्रतिबिम्ब (Image) बनता है और पुनः विद्युत-संकेतकों से निर्मित विभिन्न लम्बाई की तरंगों के आधार पर वर्णक्रमीय बैंड (Spectral Bands) द्वारा कम्प्यूटरों से उन्हीं धरातलीय पदार्थों की विभिन्न विशेषताओं का विश्लेषण किया जाता है।
सुदूर संवेदन तकनीक में कुछ भौतिकशास्त्रीय परिकल्पनाएँ प्रयुक्त होती हैं जो निम्नलिखित हैं-
1. विद्युत चुम्बकीय विकिरण (Electromagentic Rays, EMR) - ब्रह्माण्ड का सबसे बड़ा स्रोत है। उससे अनवरत रूप में इसी ऊर्जा का प्रकाश या विकिरण होता रहता है। इसे ही विद्युत चुम्बकीय विकिरण कहते हैं। यह एक गतिशील ऊर्जा है, जिसे तरंग के रूप में 3x108 मीटर प्रति सेकण्ड के आधार पर व्यक्त किया जाता है। ये तरंगें लहरदार होती हैं। इन तरंगों की तीन विशेषताएँ सुदूर संवेदन का आधार बनती है-
(i) तरंग वेग (Wave velocity) - सभी प्रकार की विद्युत चुम्बकीय तरंगों के संचरण का वेग, प्रकाश के वेग के समान होता है। प्रकाश या किसी अन्य विद्युत चुम्बकीय तरंग का वेग सामान्यतः किसी निर्वात् (Vaceum) में 299,793 किमी प्रति सेकण्ड होता है जिसे सामान्यतः 3,000,00 किसी प्रति सेकण्ड अथवा 3x 10 मीटर प्रति सेकण्ड मान लिया जाता है। लेकिन अलग-अलग घनत्व वाले क्षेत्रों में इस वेग में अन्तर उत्पन्न हो जाता है। इसे C से प्रदर्शित करते हैं
(ii) तरंगदैर्ध्य (Wavelength) - चित्र 1 से स्पष्ट है कि किन्हीं दो उत्तरोत्तर तरंग शीर्षों के बीच की क्षैतिज दूरी तरंगदैर्ध्य कहलाती है। इस दूरी को माइक्रोमीटर (um) में व्यक्त किया जाता है। इसे ग्रीक भाषा के (लैम्बडा) से प्रदर्शित किया जाता है। (तालिका 1)
तालिका 1: दूरी की मौट्रिक इकाइयाँ
(iii) तरंग बारम्बारता (आवृत्ति) (Wave frequency) - एक निश्चित समय में किसी निश्चित बिन्दु से गुजरने वाली तरंग के शीर्षों की संख्या को सम्बन्धित विद्युत चुम्बकीय तरंग की बारम्बारता कहते हैं। इसे हर्ट्ज (Hertz) में व्यक्त किया जाता है। इसे ग्रीक भाषा के v (न्यू) अक्षर से प्रदर्शित करते हैं। बारम्बारता को व्यक्त करने की इकाइयाँ तालिका-2 में प्रदर्शित की गई है।
तालिका-2 : बारम्बारता को व्यक्त करने की इकाइयाँ
उपर्युक्त तीनों लक्षणों को सूत्र C = Av द्वारा व्यक्त किया जा सकता है।
2. विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रम (Electromagnetic spectrum) - जब प्रकाश की एक किरण को किसी प्रिज्म (Prism) में से गुजारा जाता है तो सफेद रंग के पर्दे पर एक बहुरंगी पट्टी उभरकर आती है जिसके एक सिरे पर बैंगनी और दूसरे सिरे पर लाल रंग होता है। विभिन्न रंगों की पट्टियों के इस लगातार क्रम को प्रकाश-स्पेक्ट्रम अथवा दृश्य स्पेक्ट्रम (visible spectrum) कहते हैं। वैसे मानव की आँखों द्वारा 256 प्रकार के रंग देखे जा सकते हैं। विद्युत चुम्बकीय तरंगदैर्ध्य के विभिन्न प्रदेशों एवं उनके उपविभागों के तुलनात्मक लक्षणों को चित्र-2 में प्रदर्शित किया गया है।
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- प्रश्न- सुदूर संवेदन से आप क्या समझते हैं? विभिन्न विद्वानों के सुदूर संवेदन के बारे में क्या विचार हैं? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- भूगोल में सुदूर संवेदन की सार्थकता एवं उपयोगिता पर विस्तृत लेख लिखिए।
- प्रश्न- सुदूर संवेदन के अंतर्राष्ट्रीय विकास पर टिप्पणी कीजिए।
- प्रश्न- सुदूर संवेदन के भारतीय इतिहास एवं विकास पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- सुदूर संवेदन का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- सुदूर संवेदन को परिभाषित कीजिए।
- प्रश्न- सुदूर संवेदन के लाभ लिखिए।
- प्रश्न- सुदूर संवेदन के विषय क्षेत्र पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- भारत में सुदूर संवेदन के उपयोग पर संक्षिप्त लेख लिखिए।
- प्रश्न- सुदूर संवेदी के प्रकार लिखिए।
- प्रश्न- सुदूर संवेदन की प्रक्रियाएँ एवं तत्व क्या हैं? वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- उपग्रहों की कक्षा (Orbit) एवं उपयोगों के आधार पर वर्गीकरण प्रस्तुत कीजिए।
- प्रश्न- भारत के कृत्रिम उपग्रहों के कुछ उदाहरण प्रस्तुत कीजिए।
- प्रश्न- कार्य के आधार पर उपग्रहों का विभाजन कीजिए।
- प्रश्न- कार्यप्रणाली के आधार पर सुदूर संवेदी उपग्रह कितने प्रकार के होते हैं?
- प्रश्न- अंतर वैश्विक स्थान निर्धारण प्रणाली से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- भारत में उपग्रहों के इतिहास पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- भू-स्थाई उपग्रह किसे कहते हैं?
- प्रश्न- ध्रुवीय उपग्रह किसे कहते हैं?
- प्रश्न- उपग्रह कितने प्रकार के होते हैं?
- प्रश्न- सुदूर संवेदन की आधारभूत संकल्पना का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रम के सम्बन्ध में विस्तार से अपने विचार रखिए।
- प्रश्न- वायुमण्डलीय प्रकीर्णन को विस्तार से समझाइए।
- प्रश्न- विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रमी प्रदेश के लक्षण लिखिए।
- प्रश्न- ऊर्जा विकिरण सम्बन्धी संकल्पनाओं पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए। ऊर्जा
- प्रश्न- स्पेक्ट्रल बैण्ड से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- स्पेक्ट्रल विभेदन के बारे में अपने विचार लिखिए।
- प्रश्न- सुदूर संवेदन की विभिन्न अवस्थाओं का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सुदूर संवेदन की कार्य प्रणाली को चित्र सहित समझाइये |
- प्रश्न- सुदूर संवेदन के प्रकार और अनुप्रयोगों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- विद्युत चुम्बकीय वर्णक्रम पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- सुदूर संवेदन के प्लेटफॉर्म से आपका क्या आशय है? प्लेटफॉर्म कितने प्रकार के होते हैं?
- प्रश्न- सुदूर संवेदन के वायुमण्डल आधारित प्लेटफॉर्म की विस्तृत विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- भू-संसाधन उपग्रहों को विस्तार से समझाइए।
- प्रश्न- 'सुदूर संवेदन में प्लेटफार्म' से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- वायुयान आधारित प्लेटफॉर्म उपग्रह के लाभ और कमियों का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- विभेदन से आपका क्या आशय है? इसके प्रकारों का भी विस्तृत वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- फोटोग्राफी संवेदक (स्कैनर ) क्या है? इसके विभिन्न प्रकारों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सुदूर संवेदन में उपयोग होने वाले प्रमुख संवेदकों (कैमरों ) का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- हवाई फोटोग्राफी की विधियों की व्याख्या कीजिए एवं वायु फोटोचित्रों के प्रकार बताइये।
- प्रश्न- प्रकाशीय संवेदक से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- सुदूर संवेदन के संवेदक से आपका क्या आशय है?
- प्रश्न- लघुतरंग संवेदक (Microwave sensors) को समझाइये |
- प्रश्न- प्रतिबिंब निर्वचन के तत्वों का उदाहरण सहित वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सुदूर संवेदन में आँकड़ों से क्या तात्पर्य है?
- प्रश्न- उपग्रह से प्राप्त प्रतिबिंबों का निर्वचन किस प्रकार किया जाता है?
- प्रश्न- अंकिय बिम्ब प्रणाली का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- डिजिटल इमेज प्रक्रमण से आप क्या समझते हैं? डिजिटल प्रक्रमण प्रणाली को भी समझाइए।
- प्रश्न- डिजिटल इमेज प्रक्रमण के तहत इमेज उच्चीकरण तकनीक की विस्तृत व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- बिम्ब वर्गीकरण प्रक्रिया को विस्तार से समझाइए।
- प्रश्न- इमेज कितने प्रकार की होती है? समझाइए।
- प्रश्न- निरीक्षणात्मक बिम्ब वर्गीकरण और अनिरीक्षणात्मक बिम्ब वर्गीकरण के मध्य अंतर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- भू-विज्ञान के क्षेत्र में सुदूर संवेदन ने किस प्रकार क्रांतिकारी सहयोग प्रदान किया है? विस्तार से समझाइए।
- प्रश्न- समुद्री अध्ययन में सुदूर संवेदन किस प्रकार सहायक है? विस्तृत विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- वानिकी में सुदूर संवेदन के अनुप्रयोगों का विस्तार से वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- कृषि क्षेत्र में सुदूर संवेदन प्रौद्योगिकी की भूमिका का सविस्तार वर्णन कीजिए। साथ ही, भारत में कृषि की निगरानी करने के लिए सुदूर संवेदन प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने हेतु सरकार द्वारा आरम्भ किए गए विभिन्न कार्यक्रमों को भी सूचीबद्ध कीजिए।
- प्रश्न- भूगोल में सूदूर संवेदन के अनुप्रयोगों पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- मृदा मानचित्रण के क्षेत्र में सुदूर संवेदन के अनुप्रयोगों की संक्षिप्त व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- लघु मापक मानचित्रण और सुदूर संवेदन के मध्य सम्बन्ध स्थापित कीजिए।
- प्रश्न- भौगोलिक सूचना तंत्र का अर्थ, परिभाषा एवं कार्यक्षेत्र की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- भौगोलिक सूचना प्रणाली के भौगोलिक उपागम से आपका क्या आशय है? इसके प्रमुख चरणों का भी वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भौगोलिक सूचना प्रणाली के विकास की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- भौगोलिक सूचना प्रणाली का व्याख्यात्मक वर्णन प्रस्तुत कीजिए।
- प्रश्न- भौगोलिक सूचना प्रणाली के उपयोग क्या हैं? विस्तृत विवरण दीजिए।
- प्रश्न- भौगोलिक सूचना तंत्र (GI.S.)से क्या तात्पर्य है?
- प्रश्न- भौगोलिक सूचना तंत्र के विकास पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- भौगोलिक सूचना तंत्र के उद्देश्य बताइये।
- प्रश्न- भौगोलिक सूचना तंत्र का कार्य क्या है?
- प्रश्न- भौगोलिक सूचना तंत्र के प्रकार समझाइये |
- प्रश्न- भौगोलिक सूचना तंत्र की अभिकल्पना का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भौगोलिक सूचना तंत्र के क्या लाभ हैं?
- प्रश्न- भौगोलिक सूचना प्रणाली में उपयोग होने वाले विभिन्न उपकरणों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भौगोलिक सूचना प्रणाली में कम्प्यूटर के उपयोग का विस्तृत विवरण प्रस्तुत कीजिए।
- प्रश्न- GIS में आँकड़ों के प्रकार एवं संरचना पर प्रकाश डालिये।
- प्रश्न- भौगोलिक सूचना प्रणाली के सन्दर्भ में कम्प्यूटर की संग्रहण युक्तियों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- आर्क जी०आई०एस० से आप क्या समझते हैं? इसके प्रशिक्षण और लाभ के संबंध में विस्तृत व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- भौगोलिक सूचना प्रणाली में प्रयोग होने वाले हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- ERDAS इमेजिन सॉफ्टवेयर की अपने शब्दों में समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- QGIS (क्यू०जी०आई०एस०) के संबंध में एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
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- प्रश्न- रॉस्टर मॉडल की विवेचना कीजिए। इस मॉडल की क्षमताओं का भी वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- विक्टर मॉडल की विस्तृत विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- कार्टोग्राफिक संकेतीकरण त्रिविम आकृति एवं मानचित्र के प्रकार मुद्रण विधि का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- रॉस्टर मॉडल की कमियों और लाभ का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- विक्टर मॉडल की कमियों और लाभ के सम्बन्ध में अपने विचार लिखिए।
- प्रश्न- रॉस्टर और विक्टर मॉडल के मध्य अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- डेटाम पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।